Monday, May 20th, 2024

प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में लागू होगा स्टूडेंट चार्टर, समयअवधि पर दस्तावेज नहीं देने पर लगेगा एआर-डीआर पर जुर्माना

भोपाल
राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में स्टूडेंटस चार्टर लागू किया जाएगा। इसमें विश्वविद्यालयों को विद्यार्थियों को तय समयसीमा में दस्तावेज सौंपना होंगे। विवि लेटलतीफी करता है या अधिकारी के लापरवाहीपूर्ण रवैया रखते हैं, तो रजिस्ट्रार विभाग के डिप्टी और असिस्टेंट रजिस्ट्रार पर ढाई-ढाई सौ रुपए का जुर्माना लगाएंगे। उच्च शिक्षा विभाग बीयू को सभी विवि का नोडल एजेंसी घोषित करेगा। इस संबंध में सोमवार को कार्यपरिषद के कुछ सदस्यों ने बीयू पहुंचकर रजिस्ट्रार से चर्चा कर स्टूडेंटस चार्टर के लागू करने के संबंध में चर्चा की।

प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में अब विद्यार्थियों को रिजल्ट, मार्कशीट, टीसी और अन्य दस्तावेजों के लिए ज्यादा इंतजार नहीं करना होगा। बीयू प्रदेश का पहला विवि होगा, जिसमें स्टूडेंट चार्टर लागू कर विद्यार्थियों की समस्याओं का निराकरण समय सीमा में किया जाएगा।

 इस संबंध में सोमवार को कार्यपरिषद के सदस्य किशन सूर्यवंशी, सुनीता सिंह, पिंकेश रघुवंशी, विवेक शर्मा, डीसी गुप्ता और केबी पंडा ने रजिस्ट्रार एचएस त्रिपाठी से स्टूडेंटस चार्टर में विद्यार्थियों को मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में चर्चा की। ईसी सदस्यों का कहना है कि कार्यपरिषद की बैठक में ज्यादा बेहतर तरीके से मुद्दे पर चर्चा नहीं हो पाती, जिसके कारण रजिस्ट्रार से सोमवार को चर्चा की गई। इस दौरान बताया गया है कि चार्टर में की व्यवस्था क्या होगी और इसे दूसरे विवि में कैसे लागू किया जाएगा। व्यवस्था के लिए बीयू को नोडल एजेंसी नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा चार्टर द्वारा समय-सीमा में विवि के विभागों द्वारा विद्यार्थियों को दस्तावेज नहीं दिए जाते या फिर उन्हीं मिलने वाली सुविधाओं से वंचित रखा जाता है, विभागीय डीआर और एआर पर प्रतिदिन 250 के हिसाब से जुर्माना लगाया जाएगा।

दलालों पर लगेगा अंकुश, जिम्मेदार डरेंगे
अंकसूची, ट्रांसक्रिप्ट, डिग्री सहित अन्य दस्तावेजों के लिए विद्यार्थियों को विवि के महीनों चक्कर लगाने होते हैं। इसका पूरा फायदा प्रशासनिक भवन के पास घूमने वाले दलाल उठाते हैं। दलालों के प्रभाव में अधिकारी विद्यार्थियों परेशान करते हैं। इसका पूरा फायदा दलाल उठाते हैं। इसके बदले उन्हें मोटी रकम चुकानी पड़ती है। स्टूडेंट चार्टर लागू होने से दलालों पर अंकुश लगेगा और जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारियों में भय रहेगा।

विवि देंगे सुविधाएं और तय समय-सीमा में करेंगे समस्याओं का निराकरण

  • डुप्लीकेट सर्टीफिकेट व मार्कशीट : 10 दिन
  • नाम व अन्य डाक्यूमेंट में करेक्शन : 15 दिन
  • डाक्यूमेंट्स का वेरीफिकेशन : 10 दिन
  • प्रोवीजनल डिग्री सर्टिफिकेट : 15 दिन
  • डाक्यूमेंट का प्रमाणीकरण : 15 दिन
  • परीक्षा फीस की वापसी : 20 दिन
  • मार्कशीट का वेरीफिकेशन : 20 दिन
  • रिवैल्यूवेशन और रिजल्ट की घोषणा : 60 दिन
  • पासिंग सर्टिफिकेट : 7 दिन
  • पेपर बनाने व जांच करने वालों का भुगतान : 45 दिन
  • प्रोवीजनल इलिजीबिल्टी सर्टिफिकेट : 10 दिन
  • माइग्रेशन सर्टिफिकेट : 10 दिन
  • स्कालशिप वितरण : 60 दिन
  • टीसी व चरित्र प्रमाण पत्र : 7 दिन
  • ट्रांसक्रिप्ट : 10 दिन
  • मेरिट सर्टिफिकेट : 7 दिन
  • पीएचडी आरएसी का आयोजन : 30 दिन
  • पीएचडी कोर्सवर्क का आयोजन : 6 माह
  • पीएचडी कोर्सवर्क की परीक्षा व मूल्यांकन : 30 दिन
  • पीएचडी आरडीसी का आयोजन : 6 माह
  • पीएचडी रजिस्ट्रेशन लेटर : 15 दिन
  • थीसिस एग्जामिनर पैनल : 10 दिन
  • थीसिस डिस्पैच : 15 दिन
  • थीसिस मूल्यांकन : 3 माह
  • पीएचडी के वायवा हेतु एग्जामिनर का चयन : 10 दिन
  • पीएचडी वायवा का आयोजन : 30 दिन
  • पीएचडी नॉटिफिकेशन : 10 दिन
Source : Agency

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